5 Important facts about The History and Importance of Makka Part 3

 

History and Importance of Makkah.

बिस्मिल्लाह हिर्ररहमान निर्रहीम, शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा महेरबान और निहायत ही रेहम करने वाला हे।

दोस्तों कैसे हो उम्मीद हे आप सब ठीक होंगे, अल्लाह रब्बुल आलमीन से दुआ हे आप सबको खुश रखे। आपने इससे पहले की 5 Important facts about The History and Importance of Makka पोस्ट में पढ़ा कैसे हज़रत इस्माइल अलैहि अस्सलाम की दुनिया से रुखसती के बाद आहिसता आहिस्ता लोगो ने दिन में नयी नयी खुराफातें शुरू की। लोग काबे के आसपास के पत्थरो को घर लेजाकर उसका एहतराम करने लगे। आप इससे पहले की क़िस्त यहाँ क्लिक कर के पढ़े और फिर ये क़िस्त पढ़े ताकि आपको इसके पहले के वाक्यात समज में आये। History and Importance of Makka 2

मक्का में जिस इंसान ने बुतपरस्ती की शुरुआत की वो इंसान का नाम ”अम्र बिन लोह” था, जब वो मुल्क ए  शाम गया और वह उसने लोगो को बुतो को पूजते देखा तो उसे ये तरीका काफी पसंद आया और वह से काबे में रखवा दिए इस तरह मक्का में बुतपरस्ती की शुरुआत हुई। आप सबसे गुज़ारिश हे की The History and Importance of Makka पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे ताकि दूसरे मोमिन भी इस इल्मी पोस्ट से मेहरूम ना रहे।

उसके बाद तो जैसे बुतो को पूजने और उनका एहतराम करने की जैसे होड़ मच गयी, सब कबीलो में जिस कबीले का बूत जितना बड़ा उस कबीले का नाम उतना बड़ा। अल्लाहु अकबर। चूँकि क़बीला ए क़ुरैश मक्का का सबसे बड़ा क़बीला था उनका बूत सबसे बड़ा और उनके बूत की मकका के लोगो की नज़र में काफी इज़्ज़त थी। लेकिन एक बात थी मक्का में बुतपरस्ती शुरू होने के बाद भी लोगो के दिलो में काबे की अज़मत सबसे ज्यादा थी, वो अपने घरो की छत को काबे की छत से ऊँची नहीं बनाते थे… अब आज की पोस्ट शुरू करते।

History and Importance of Makkah.

काबा की देखभाल और नियंत्रण का संघर्ष।

5 Important facts about The History and Importance of Makka
5 Important facts about The History and Importance of Makka

वक़्त आगे बढ़ता गया और मक्का के हालात भी बदलते गए। अब दूसरे क़ाबिलो में काबे की बागडोर अपने हाथो में लेने के लिए होड़ लगने लगी। शुरुआत छोटे मोटे झगड़ो से हुई और आगे चल के काबे की दावेदारी के लिए जंग होने लगी। जिस क़बिले के पास ज्यादा ताक़त वो अपनी ताक़त के बल पर काबे का ट्रस्टी बन जाता, और काबे की चाबियां अपने पास रखता जिसे चाहता उसे काबे की बागडोर दे देता।

शुरुआती दौर में काबे की चाबियां हज़रात इस्माइल अलय्हि अस्सलाम यानी कबीला ए बनु इस्माइल के पास थी, फिर उनके बाद बनु जुरहम के पास आयी और उनके पास से होते हुए बनु उमालिका और बाद में बनु खुजा के हाथ में आयी जो उस वक़्त के सबसे मशहूर और ताक़तवर कबीले थे। बादमे बैतुल्लाह की सही तौर पर देखरेख रखने के लिए अलग अलग विभाग बने। जिसे जो भी विभाग मिलता वह अपने आप को बहोत खुशकिस्मत समझता। वैसे तो अलग अलग विभाग थे पर इनमे से सबसे ज्यादा इज़्ज़त वाला विभाग था जल संसाधन विभाग। जिसे भी यह ज़िम्मेदारी दी जाती वह हाजिओ के लिए ठन्डे पानी पिलाने का इंतज़ाम करता था।

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ज़मज़म का कुआं कैसे बंद हुआ?

5 Important facts about The History and Importance of Makka
5 Important facts about The History and Importance of Makka

पानी पिलाने का विभाग बनाना क्यू पड़ा ? क्यू के उस वक्त ज़मज़म का कुआ बंद हो गया था। क्यू बंद हुआ ये बात जानने के लिए हमें इतिहास में वापस जाना होगा। हुआ यूँ के मक्का की दावेदारी लेने के लिए जब बनु जुरहम और बनु खुजा में जंग हुई तब बनु जुरहम की हार हुई और उन्हें मक्का छोरकर भागना पड़ा और भागते हुए उन्होंने काबे मेंसे कुछ कीमती चीजे ज़मज़म के कुए में डालकर उसे मट्टी से पुर दिया यानी ज़मज़म के कुए को बंद कर दिआ और कुए को ज़मीन-दोश कर दिआ जैसे की वह कोई कुआ था ही नहीं।

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कुश बिन किलाब और मक्काह का पुनर्निर्माण।

इसी तरह वक़्त गुज़रता गया और फिर एक बहोत बड़ा बदलवा आया। बनु इस्माइल यानी हज़रात इस्माइल के खानदान में से के इंसान पैदा हुआ जिनका नाम कुश बिन किलाब था उन्होंने बनु खुजा से जुंग कर के मक्का की सरदारी अपने हाथ में लेली। उन्होंने अपने वक़्त में मक्का का खूब विकास किआ। उन्होंने मक्का की बागडोर सही तौर पर लिए एक ईमारत बनवाइ जिसे ”दारुल – नदवा” कहा गया। एक और महत्वपूर्ण काम उन्होंने यह किआ की अब तक जो हाजी बहार से आते थे वो अपने पेसो से खाना खाते थे, कुश बिन किलाब ने मक्कन के लोगो से जज़िया (टेक्स) लेना शुरू किआ और जो पैसा आता था इससे हाजिओ को खाना खिलने की शुरुआत की।

अपने ही लोगो के पास से जज़िया लेने की शुरुआत कुश बिन किलाब ने की थी, इससे पहले मक्का में लोगोंके पास से जज़िया नहीं लिआ गया था और इस बात की खबर अरबस्तान में फैली और कुश बिन किलाब के इस कदम की बहोत सराहना हुई।

कुश बिन किलाब के उत्तराधिकारी।

कुश बिन किलाब के ४ बेटे थे उनके नाम इस तरह हे।
१,अब्दु मनाफ – पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के पूर्वजों में से हैं और क़ुरैश कबीले में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति माने जाते हैं।
२, अब्दुद्दार – इन्हें कुश ने काबा की देखभाल और चाबियों की जिम्मेदारी सौंपी थी।
३, अब्दुज़्ज़ा – इनकी संतानें भी क़ुरैश कबीले के विभिन्न हिस्सों में प्रभावशाली रही हैं।
४, अबू उमैया – इनके बारे में कम जानकारी उपलब्ध है, लेकिन ये भी कुश के बेटों में शामिल थे।

5 Important facts about The History and Importance of Makka
5 Important facts about The History and Importance of Makka

 

वक़्त गुजरने के साथ कुश बिन किलाब ज़ईफ़ हुए और उन्होंने अब काबे की ज़िम्मेदारी अपने बेटो में तकसीम की पर काबे की ज़िम्मेदारिया और सारे होदे अपने बड़े बेटे अब्दु – मुनाफ को दिए। लेकिन कुछ वक़्त बाद अब्दु मनाफ और अब्दुद्दार के बेटो ने ये ओहदे बाँट लिए। मनसब ए सिखाया यानी जल संसाधन विभाग और मनसबे रिफा यानी खाने का इंतेज़्ज़म करने का विभाग अब्दु मनाफ के बेटो में आया और मनसब ऐ हिजाब यानी काबे की चाबी सँभालने वाला विभाग और जंगो में झंड़ा सँभालने की जिम्मेदारी अब्दुद्दार के बेटो के पास आया।

History and Importance of Makkah.

निष्कर्ष :

आजकी The History and Importance of Makka पोस्ट में मक्का के इतिहास और उसकी अहमियत को बताया गया है। हज़रत इस्माइल अलैहि अस्सलाम के बाद धीरे-धीरे लोगों ने बुतपरस्ती (मूर्तिपूजा) शुरू की, जिससे काबा की असली इबादत की परंपरा में बदलाव आया। कई कबीलों में काबा की देखरेख का अधिकार पाने के लिए झगड़े होने लगे। कुश बिन किलाब ने मक्का को बेहतर बनाने के लिए काम किया, जैसे हाजियों के लिए खाने और पानी का इंतज़ाम करना और काबा की जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया । उन्होंने मक्का को एक धार्मिक और समाजिक स्थान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

आनेवाली किस्तमें हम जानेंगे आगे चल के कैसे अब्दुल हाशिम जी की आप सलल्लाहु अलैहि व’सल्लम के परदादा थे कैसे उनके पास काबे की बागडोर आयी, उन्होंने क्या अच्छे काम किये मक्का के लिए, और सबसे अहम बात किस तरह ज़मज़म का कुआ जो बरसो से बंद था जिसे बानी जुरहम ने बंद कर दिए था वो कैसे वापस खोला गया , किस तरह की पेशनगोइ अल्लाह ने दी ज़मज़म को दुबारा खोलने के लिए, उसके लिए कितनी मशक्कत करनी पड़ी और आखिर में कैसे ज़मज़म के कुेए को दुबारा खोला गया।

ये सब बाते हम इन्शाह अल्लाह  5 Important facts about The History and Importance of Makka की अगली क़िस्त में जानेंगे तब तक मेरे लिए और आलम एइस्लाम के लिए अल्लाह रब्बुल आलमीन से दुआ कीजिये जहाँ जहाँ मुसलमानो पर ज़ुल्म हो रहा हे वह वह उनकी मदद फर्मा। अल्लाह हफ़ीज़

FAQ :

Q 1, शुरुआती दौर में काबे की चाबियां किस कबीले के पास थी ?
A 1, शुरुआती दौर में काबे की चाबियां हज़रात इस्माइल अलय्हि अस्सलाम यानी कबीला ए बनु इस्माइल के पास थी।

Q 2, सबसे ज्यादा इज़्ज़त वाला विभाग कोनसा था ?
A 2 , सबसे ज्यादा इज़्ज़त वाला विभाग था जल संसाधन विभाग।

Q 3, जल संसाधन विभाग के लोगो की ज़िम्मेदारी थी ?
A 3, जिसे भी यह ज़िम्मेदारी दी जाती वह हाजिओ के लिए ठन्डे पानी पिलाने का इंतज़ाम करता था।

Q 4, ज़मज़म का कुआं कैसे बंद हुआ?
A 4, बनु खुजा से जंग में हारने के बाद बनु जुरम के लोगो को मक्का छोड़कर भागना पड़ा और भागते वक़्त बनु जुरहम के लोगो ने काबे से कीमती चीजे
निकालकर ज़मज़म के कुए में रख कर उसे बंद कर दिए।

Q 5, दारुल नदवा किसने बनवाई?
A 5 , दारुल नदवा ”कुश बिन किलब” ने बनवाई।

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